शायद !
खोना नही चाहता था तुझे मैं
इसलिए तुझसे प्यार नहीं कर पाया।
चाहत तो बन चुकी थी मेरी तू
पर तुझसे कभी इज़हार नहीं कर पाया ...
देखता हूँ रोज़ में!
जाने कितने रिश्तों को टूटते हुए
जो शायद सम्भल ना पाए
जो शायद पहुँच ना पाए उस मुकाम तक !
वो मुकाम...
जिसका सपना देखा होगा,
उनकी उम्मीदों भरी आँखों ने
आँखें..
जो देखना चाहती हो उस साथी को
सारी ज़िन्दगी
या शायद
लिखा ही नही गया हो
उनका खुशनूमा अंत
किसी फिल्म की कहानी की तरह।।
जाने कितने ही प्यार करने वाले
बिखर जाते है...
उन पुराने फूलों की तरह
जो समय रहते खिल ना पाए
या शायद तोड़ा नही किसी ने
उन खूबसूरत फूलों को
भगवान को चढाने के लिए..
या अपनी प्रेमिका को
मनाने के लिए..
या शायद
नही दिया उस फूल को किसी ने
अपनी माँ का आँचल महकाने के लिए।
या घर की शोभा बढ़ाने के लिए
शायद यही कारण है कि
समझा रहा हूँ तुम्हें मैं
चाहता नही हूँ तुमसे बिछड़ना कभी!
चाहता नही हूँ रिश्ते का बिखरना कभी
मरने तक साथ निभाने की कसमें तो शायद
हर प्यार करने वाला खाता है।।
पर तुम भी जानते हो कि अंत रिश्ते का
कुछ सालों में ही हो जाता है।
मिलेगा क्या ऐसे रिश्तों से?
जिसका अंत आसुओं से लिखा हो
क्योंकि गहराई अगर दोस्ती में है
तो कोई दूरी उस रिश्ते को
खत्म कर नही पाएगी
और सिर्फ यही दोस्ती आपकी
आपके माँ पापा के बाद
सबसे ज़्यादा फ़र्ज़ निभाएगी.........
Yash Kulshrestha
खोना नही चाहता था तुझे मैं
इसलिए तुझसे प्यार नहीं कर पाया।
चाहत तो बन चुकी थी मेरी तू
पर तुझसे कभी इज़हार नहीं कर पाया ...
देखता हूँ रोज़ में!
जाने कितने रिश्तों को टूटते हुए
जो शायद सम्भल ना पाए
जो शायद पहुँच ना पाए उस मुकाम तक !
वो मुकाम...
जिसका सपना देखा होगा,
उनकी उम्मीदों भरी आँखों ने
आँखें..
जो देखना चाहती हो उस साथी को
सारी ज़िन्दगी
या शायद
लिखा ही नही गया हो
उनका खुशनूमा अंत
किसी फिल्म की कहानी की तरह।।
जाने कितने ही प्यार करने वाले
बिखर जाते है...
उन पुराने फूलों की तरह
जो समय रहते खिल ना पाए
या शायद तोड़ा नही किसी ने
उन खूबसूरत फूलों को
भगवान को चढाने के लिए..
या अपनी प्रेमिका को
मनाने के लिए..
या शायद
नही दिया उस फूल को किसी ने
अपनी माँ का आँचल महकाने के लिए।
या घर की शोभा बढ़ाने के लिए
शायद यही कारण है कि
समझा रहा हूँ तुम्हें मैं
चाहता नही हूँ तुमसे बिछड़ना कभी!
चाहता नही हूँ रिश्ते का बिखरना कभी
मरने तक साथ निभाने की कसमें तो शायद
हर प्यार करने वाला खाता है।।
पर तुम भी जानते हो कि अंत रिश्ते का
कुछ सालों में ही हो जाता है।
मिलेगा क्या ऐसे रिश्तों से?
जिसका अंत आसुओं से लिखा हो
क्योंकि गहराई अगर दोस्ती में है
तो कोई दूरी उस रिश्ते को
खत्म कर नही पाएगी
और सिर्फ यही दोस्ती आपकी
आपके माँ पापा के बाद
सबसे ज़्यादा फ़र्ज़ निभाएगी.........
Yash Kulshrestha
शानदार ...
ReplyDeletea great piece of work bro . . . Keep spreading the Magic of ur Pen . . .
ReplyDeleteAmazing!!!
ReplyDeleteThankyou Mohit
ReplyDeleteThanks a lot maninder... Sure I'll
ReplyDeleteThankyou so much Anmol ma'am 😊
ReplyDeleteAwesome writing man
ReplyDeleteBeautifully described the essence of ever lasting relation called friendship !
ReplyDeleteWell done Yash !
Thanks a lot shubhi ma'am 😀😇
ReplyDeleteThanks Milin
ReplyDeleteVery nice Yash!
ReplyDeleteThankyou ma'am 😀
DeleteWaah yrr
ReplyDeleteThanks bro
ReplyDelete😍😍😊🙌🙌🙌 No..cmnts... dil..ko..chuliya..tune..
ReplyDeleteThankyou so much sir 😍 😇
ReplyDeleteThis was really impressive bro...
ReplyDeleteBest of you i read. 😊
Thanks a lot sir !! I'll try to get better with every write-up
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